“योग दिवस: भारत की वो क्रांति जिसने पूरी दुनिया को झुका दिया – जानिए इतिहास, फायदे और रहस्य!”

सिर्फ योग नहीं, ये भारत का संदेश है 21 जून… सिर्फ एक तारीख नहीं है —ये उस भारत की पहचान है जिसने पूरी दुनिया को शरीर, मन और आत्मा का संतुलन सिखाया। आज योग सिर्फ आसन नहीं, जीवन जीने की कला बन चुका है।

इस लेख में जानिए:

✅ योग दिवस कब और कैसे शुरू हुआ

✅ इसका इतिहास और भारत का योगदान

✅ योग के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक फायदे

📜 योग दिवस की शुरुआत – कब और कैसे ?

पहला योग दिवस: 21 जून 2015

साल 2014 में, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में प्रस्ताव रखा:

“Yoga is an invaluable gift of India’s ancient tradition…”

UN ने इसे रिकॉर्ड 177 देशों के समर्थन के साथ मंजूरी दी —

और फिर आया वो ऐतिहासिक दिन:

✅ 21 जून 2015 – पहला International Yoga Day

✅ 35,000+ लोग दिल्ली के राजपथ पर एक साथ योग करते हुए

✅ Guinness World Record बना

🇮🇳 क्यों 21 जून ही चुना गया ?

21 जून को “Summer Solstice” कहा जाता है यानी साल का सबसे लंबा दिन

यह आंतरिक ऊर्जा के जागरण का दिन माना जाता है भारत के योगिक इतिहास में भी यह दिन विशेष महत्व रखता है:

🕯️ क्या आप जानते हैं? (Secret Knowledge)योग सिर्फ हिंदू धर्म तक सीमित नहीं है —बौद्ध, जैन, सिक्ख परंपराओं में भी योग का अलग-अलग रूपों में उपयोग होता है।

आज 180+ देश योग दिवस मना रहे हैं —और कई देश अब इसे अपने स्कूलों में भी लागू कर चुके हैं।

UNESCO ने योग को “Intangible Cultural Heritage of Humanity” घोषित किया है।

🌍 भारत से विश्व तक – योग ने कैसे किया सबको प्रभावित ?

अमेरिका में 3 करोड़ से ज्यादा लोग रोज योग करते हैं

यूरोप में “Yoga Retreats” लाखों की फीस लेते हैं

लेकिन…भारत में अब भी बहुत से लोग इसे हल्के में लेते हैं!

अब समय है अपने मूल को अपनाने का – योग केवल एक्सरसाइज नहीं, जीवन है।

🔚 निष्कर्ष: योग दिवस पर संकल्प लें”योग शुरू करिए… जिदंगी बदल जाएगी।””हर सुबह 20 मिनट अपने लिए निकालिए – यही असली Self-love है।”

💬 आप क्या सोचते हैं?क्या आपने कभी योग किया है? कौन सा आसन आपको पसंद है?👇 नीचे कमेंट करें, और इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।

“बाबा ज्ञान ने आज सच में ज्ञान दे दिया!”

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